बीजिंग। भारत जहां रक्षा बजट में मामूली बढ़ोतरी करता है वहीं चीन का रक्षा बजट साल दर साल बढ़ता जा वरहा है। चीन ने मंगलवार को 10.7 प्रतिशत की वृद्धि कर अपना रक्षा बजट 115.7 अरब डॉलर [करीब 6360 अरब रुपये] कर दिया, जो भारत के वर्तमान रक्षा बजट से 37.4 अरब डॉलर ज्यादा है।
वित्तीय वर्ष 2013-14 के रक्षा बजट में वृद्धि की घोषणा चीनी संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस [एनपीसी] के वार्षिक सत्र में मंगलवार को प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ ने की। सत्र के दौरान चीन में एक दशक में एक बार होने वाले सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया चल रही है। एनपीसी में पेश किए गए बजट दस्तावेजों में रक्षा के लिए 115.7 अरब डॉलर आवंटित किए गए। चीन ने पिछले साल राष्ट्रीय सुरक्षा पर 106.4 अरब डॉलर खर्च किए थे। वर्ष 2011 के मुकाबले इसमें 11.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी। इसके साथ ही चीन दुनिया में सुरक्षा पर सबसे ज्यादा खर्च करने वाले देशों में शुमार हो गया था। रक्षा बजट में वृद्धि ऐसे समय हुई है जब विवादित द्वीपों को लेकर जापान के साथ गतिरोध बढ़ता जा रहा है साथ ही दक्षिण चीन सागर पर अन्य देशों से विवाद के चलते चीन अपनी सशस्त्र सेना को आधुनिक बना रहा है।
चीन ने पिछले साल ही अपना विमानवाहक पोत उतारा था। साथ ही एशिया प्रशांत में अमेरिकी सेना की बड़ी मौजूदगी से निपटने के उद्देश्य से स्टील्थ फाइटर समेत नई पीढ़ी के कई विमानों को अपने बेड़े में शामिल किया था। सोमवार को चीन की प्रवक्ता फू यिंग ने कहा था कि चीन की सैन्य नीतियों ने एशिया में शांति और स्थायित्व बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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