Thursday, 22 May 2014

झुका स्विट्जरलैंड, बताएगा काले धन का राज

सूचनाओं के आदान-प्रदान पर सहमत
स्विट्जरलैंड की सरकार ने कर से जुड़े मामलों में सूचनाओं को स्वत: साझा करने को लेकर काम शुरू कर दिया है। कड़े बैंकिंग गोपनीयता कानून के बावजूद वह इस माह कर सूचनाओं के आदान-प्रदान पर नए प्रस्ताव को लेकर सहमत हो गया।
स्विस फेडरल काउंसिल ने बुधवार को इस संबंध में मसौदा प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी। नए प्रस्ताव के मुताबिक स्विट्जरलैंड कर सूचनाओं के आदान-प्रदान पर नए वैश्विक मानकों का पालन करेगा।
45 देश हुए सूचनाएं देने को राजी
स्विट्जरलैंड की सरकार ने एक बयान में कहा कि अन्य देशों के साथ कर सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान को साझेदार देश के साथ अलग द्विपक्षीय समझौते के तहत लागू किया जाएगा। इसमें कहा गया है कि वर्तमान कानून में सूचनाओं को साझा करना शामिल नहीं है।
इससे पहले स्विट्जरलैंड, भारत और 45 अन्य देश कर सूचनाओं के स्वत: आदान प्रदान पर सहमत हुए थे। इसे वैश्विक स्तर पर बैंकिंग गोपनीयता के खिलाफ एक अहम कदम माना जा रहा है।
क्या वापस आएगा काला धन?
स्विट्जरलैंड के इस कदम से भारत के उस मुहिम को बल मिलेगा जिसके तहत वह विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने की जद्दोजहद कर रहा है। पेरिस के ऑर्गेनाइजेश फॉर इकोनॉमिक कोऑपरेशन एंड डेवलपमेंट (ओईसीडी) ने इस नए कर मानक का प्रस्ताव तैयार किया है।
कर सूचनाओं के नए प्रस्ताव को स्वीकार करने के संदर्भ में स्विस सरकार ने बुधवार कहा के इस मामले में उन देशों को प्राथमिकता दी जाएगी जिनके साथ गहरे आर्थिक और राजनीतिक ताल्लुकात हैं।

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