Wednesday, 7 May 2014

लता मंगेशकर ने सात दशक में पहली बार गाया ऐसा गाना

मुंबई। सुरों की मल्लिका लता मंगेशकर ने हर तरह की गायिकी में अपने सुरों के रंग बिखेरे हैं, लेकिन इतने लंबे करियर में सूफी का जायका अब तक नहीं चखा था। पहली बार लता मंगशेकर ने सूफी के राग भी अलापे हैं। खबर है कि लता दीदी अपने भतीजे और महान संगीतकार पंडित हृदयनाथ मंगेशकर के बेटे बैजू के पहले म्यूजिक एलबम में सूफी गाने को अपनी आवाज दे रही है।
एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक, बैजू अपना पहला म्यूजिक एलबम 'या रब्बा' लेकर आए हैं। ये एलबम 24 अप्रैल को लॉन्च हो गया है। एलबम की खास बात है कि लता दीदी ने इसमें सूफी अंदाज को अपनाया है। वे पहली बार सूफी गाने गा रहीं हैं। बताया जाता है कि बैजू के दादाजी दीनानाथ मंगेशकर की याद में एलबम निकाला गया है।
लता दीदी ने इस बारे में कहा, 'मैं जानती हूं बैजू बहुत अच्छा गाते हैं और संगीत भी बनाते हैं, लेकिन उन्होंने हमेशा ही मेरी छोटी बहन मीना के लिए गाने गाए हैं। मीना ने ही बैजू से सूफी एलबम निकालने की बात कही है।' बैजू ने सूफी कवि हजरत शाह हुसैन को ध्यान में रखते हुए दो कलाम बनाए और लता दीदी से गाने की जिद करने लगे।
बैजू ने बताया, 'मैंने देश भर के सूफी गाने सुने, उनका रियाज किया, लेकिन गुलाम अली साहब जैसा कोई नहीं लगा। मैंने तो बस गानों को कुछ अलग ढंग से करने का प्रयास किया है, जैसा मैंने सुना है। उन्होंने कहा कि लता दीदी को गाने पसंद आए और उन्होंने दो गाने गाने के लिए अपनी हामी भरी।

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