नई दिल्ली। इन दिनों देश के प्रधानमंत्री के सरकारी आवास 7 रेस कोर्स में काफी हलचल है। यह हलचल न तो चल रहे आम चुनाव को लेकर है और न ही उसके आसन्न परिणाम को लेकर। यहां अलग तरह की व्यस्तता है। पीएमओ के एक अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पद छोड़ने के लिए आठ दिन शेष रह जाने को देखते हुए हम पैकिंग में व्यस्त हैं।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस वर्ष के शुरू में ही कह दिया था कि यदि इस बार भी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) को सरकार बनाने का ही मौका मिलता है तब भी वे अगली सरकार का नेतृत्व नहीं करेंगे और किसी नए व्यक्ति को बागडोर सौंपना चाहेंगे।
किताबें, उपहार एवं अन्य सामान को सावधानी पूर्वक छांटा जा रहा है, सूची बनाई जा रही है और उसे पैक किया जा रहा है। पीएमओ के एक अधिकारी ने अपना नाम जाहिर नहीं होने देने की शर्त पर बताया, प्रधानमंत्री चाहते हैं कि जब वे पद छोड़ें तो उनके उत्तराधिकारी को सभी चीजें सुव्यवस्थित मिले।
एक दशक तक प्रधानमंत्री का आवास रह चुके 7 रेस कोर्स में परिवार के सदस्य सामान की पैकिंग में व्यस्त हैं ताकि उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद मिल रहे आवास 3 मोतीलाल नेहरू मार्ग पहुंचाया जा सके। यह आवास कभी दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को आवंटित था।
प्रधानमंत्री या पीएमओ के सदस्यों को उपहार में मिली पेंटिंग सहित अन्य कलाकृतियों या किताबों की सूची बनाई जा रही है और हटाया जा रहा है। विदेशी हस्तियों से प्रधानमंत्री को मिले उपहारों की सूची तैयार की जा रही है और उन्हें "तोशखाना" या खजाने में रखा जाएगा।
सामान की सूची विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी।
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