वाराणसी। नरेंद्र मोदी को गुरूवार को उनके चुनाव क्षेत्र वाराणसी में प्रस्तावित रैली को प्रशासन ने पहले मंजूरी से इनकार करने के बाद इजाजत दे दी है। बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन ने तमाम कार्यRमों के स्थल परिवर्तन की बात कही है। कहा यह भी जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी इस बात के लिए तैयार नहीं है। इससे पहले मोदी को गंगा पूजन और करीब 150 लोगों के साथ छोटी बैठक करने की भी इजाजत नहीं दी गई थी। इसका सीधा अर्थ है कि वाराणसी में मोदी अपने चुनाव क्षेत्र में कोई भी जनसंपर्क का कार्यक्रम नहीं कर पाते। बीजेपी ने इस फैसले का कडा विरोध किया और कहा कि अगर यह प्रतिबंध शाम तक वापस नहीं लिया जाता है, तो वह इसके खिलाफ प्रदर्शन करेगी। बीजेपी ने राज्य की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी पर आरोप लगाते हुए इस फैसले को आpर्यजनक और अस्वीकार्य बताया था।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली ने चुनाव आयोग से वाराणसी के चुनाव अधिकारी को वापस बुलाए जाने की मांग की है। जेटली ने आरोप लगाया कि वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव अधिकारी के रूप में काम करने वाले जिला मजिस्ट्रेट रैली के लिए सुरक्षा मंजूरी देने के संदर्भ में अविश्वसनीय बहाना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि रैली किसी भी उम्मीदवार का अधिकार है। बता दें, मोदी का गुरूवार शाम बेनियाबाग में चुनावी रैली को संबोधित करना था। वह वाराणसी के ग्रामीण इलाके रोहानिया में भी एक रैली को संबोधित करने वाले थे।
अधिकारियों ने कहा कि बेनिया बाग में रैली को इस आधार पर रोका गया कि यह भीडभाड वाला है और रैलियां निकालने के लिए उपयुक्त नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को आम लोगों से ऎसा आग्रह मिला था कि सुरक्षा खतरों के मद्देनजर ऎसे क्षेत्रों में रैली की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। वाराणसी में 12 मई को मतदान होना है। मोदी के खिलाफ यहां आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के अजय राय चुनाव मैदान में हैं।

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