नई दिल्ली
देहरादून में 2009 में हुए फर्जी एनकाउंटर मामले में सीबीआई कोर्ट ने 18 पुलिसवालों में से 17 को फर्जी मुठभेड़ के तहत की गई हत्या का दोषी करार दिया है। इन पुलिसवालों ने मेरठ के रहने वाले एक 22 साल के युवक रणबीर को बदमाश बताकर मार डाला था। 7 पुलिसवालों पर अपहरण और हत्या का आरोप था। अन्य 11 पुलिसवालों पर सबूत नष्ट करने का आरोप था। कोर्ट ने 7 पुलिसवालों को अपहरण और हत्या का, 10 को हत्या की साजिश का और एक पुलिसकर्मी को सबूत मिटाने का दोषी करार दिया है।
रणबीर देहरादून में नौकरी की तलाश में गया था। 2 जुलाई 2009 को उसे दालनवाला में पुलिस मुठभेड़ में मार डाला गया। उसे नजदीक से 29 गोलियां मारी गईं। पुलिस ने दावा किया कि रणबीर एक डकैत था। मामले की जांच शुरू में सीबीसीआईडी को सौंपा गया। तब इस मुठभेड़ पर काफी विवाद हुआ था। राजनीतिक और सामाजिक बवाल के बाद राज्य सरकार ने मामला सीबीआई को सौंप दिया।
सीबीआई ने दिसंबर 2009 में देहरादून में चार्जशीट दर्ज की थी। मार्च में रणबीर के पैरंट्स की अपील पर केस को देहरादून से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया गया था।
शुक्रवार को कोर्ट ने 17 पुलिसवालों को दोषी माना है। देश में फर्जी एनकाउंटर के एक केस में दोषी होने वाले पुलिसवालों की यह सबसे बड़ी तादाद है। दोषियों को सजा सोमवार को सुनाई जा सकती है।
रणवीर के पिता रविंद्रपाल सिंह ने कोर्ट के फैसले पर कहा कि इससे संतोष हुआ है कि न्याय व्यवस्था मरी नहीं है और बाकी राज्यों की पुलिस को भी इससे सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'सीबीआई ने अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी। उसने अपना काम बहुत अच्छी तरह से किया।'
देहरादून में 2009 में हुए फर्जी एनकाउंटर मामले में सीबीआई कोर्ट ने 18 पुलिसवालों में से 17 को फर्जी मुठभेड़ के तहत की गई हत्या का दोषी करार दिया है। इन पुलिसवालों ने मेरठ के रहने वाले एक 22 साल के युवक रणबीर को बदमाश बताकर मार डाला था। 7 पुलिसवालों पर अपहरण और हत्या का आरोप था। अन्य 11 पुलिसवालों पर सबूत नष्ट करने का आरोप था। कोर्ट ने 7 पुलिसवालों को अपहरण और हत्या का, 10 को हत्या की साजिश का और एक पुलिसकर्मी को सबूत मिटाने का दोषी करार दिया है।
रणबीर देहरादून में नौकरी की तलाश में गया था। 2 जुलाई 2009 को उसे दालनवाला में पुलिस मुठभेड़ में मार डाला गया। उसे नजदीक से 29 गोलियां मारी गईं। पुलिस ने दावा किया कि रणबीर एक डकैत था। मामले की जांच शुरू में सीबीसीआईडी को सौंपा गया। तब इस मुठभेड़ पर काफी विवाद हुआ था। राजनीतिक और सामाजिक बवाल के बाद राज्य सरकार ने मामला सीबीआई को सौंप दिया।
शुक्रवार को कोर्ट ने 17 पुलिसवालों को दोषी माना है। देश में फर्जी एनकाउंटर के एक केस में दोषी होने वाले पुलिसवालों की यह सबसे बड़ी तादाद है। दोषियों को सजा सोमवार को सुनाई जा सकती है।
रणवीर के पिता रविंद्रपाल सिंह ने कोर्ट के फैसले पर कहा कि इससे संतोष हुआ है कि न्याय व्यवस्था मरी नहीं है और बाकी राज्यों की पुलिस को भी इससे सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'सीबीआई ने अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी। उसने अपना काम बहुत अच्छी तरह से किया।'

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