नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविन्द केजरीवाल को लगता है कि उन्हें भूख हड़ताल से कुछ नहीं मिला हैं।
केजरीवाल शनिवार को दिल्ली सरकार के स्कूलों में कार्यरत गेस्ट टीचरों के समर्थन में जंतर-मंतर पहुंचे थे।
जहां उन्होंने अनशन पर बैठे अध्यापकों से कहा "कई दिनों बाद मुझे अहसास हुआ कि भूख हड़ताल से हमें कुछ नहीं मिला हैं। इसलिए मैंने अनशन छोड़ राजनीति में आने का फैसला किया।"
केजरीवाल ने प्रदर्शनकारियों से अनशन तोड़ने की अपील करते हुए कहा कि दिल्ली में फिर से आप की सरकार बनते ही आपकी मांगें पूरी की जांएगी।
केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार ने गेस्ट टीचरों को नियमित करने के लिए एक कमेटी बनाई थी। जिसमें ये आदेश भी जारी किया गया था कि कमेटी की रिपोर्ट आने तक किसी भी शिक्षक को हटाया नहीं जाएगा।
केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार के फैसले को दिल्ली में राष्ट्रपति शासन के दौरान पलटा जा रहा है।
अनशन के दौरान दो गेस्ट टीचर की तबीयत बिगड़ जाने पर केजरीवाल ने अपनी गाड़ी से दोनों को राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचाया।
वहीं ऑल गेस्ट टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण तोगडिया ने कहा कि जब तक उन्हें ठोस आश्वासन नहीं मिल जाता है तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
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