Tuesday, 27 May 2014

नवाज को नमो की खरी-खरी, कहा- हिंसा पर लगाम जरूरी


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ की मेहमान नवाजी काफी गर्मजोशी और भावुक अंदाज में की। इसके बाद बातचीत की औपचारिक मेज पर आतंकवाद के मसले पर दोनों के बीच कई खरी-खरी बातें भी हुई। मोदी ने स्पष्ट कर दिया कि दोस्ती के इरादों पर अमल से पहले हिंसा और आतंकवाद पर लगाम लगाना जरूरी है।
उन्होंने मुंबई आतंकी हमले की अदालती सुनवाई की धीमी रफ्तार से लेकर भारत के खिलाफ आतंकी साजिश रचने वालों को मिल रही पनाह जैसे मुद्दे भी शरीफ को गिनाए। दोनों पक्ष संबंध सुधार की गाड़ी आगे बढ़ाने के लिए विदेश सचिवों के आपसी संपर्क से रास्ता निकालने पर रजामंद हो गए हैं।
सत्ता परिवर्तन के बाद भारत-पाक प्रधानमंत्रियों की पहली मुलाकात में दोनों ओर से रिश्ते सुधारने के संकल्प के साथ ही अपनी चिंताओं की लकीरें साफ करने पर भी जोर था। दिल्ली के हैदराबाद भवन में मंगलवार दोपहर मोदी और शरीफ के बीच करीब 45 मिनट की मुलाकात में यूं तो व्यापार, वाणिज्य, आवाजाही और पानी से लेकर कश्मीर तक लगभग हर मुद्दे पर बात हुई, लेकिन मोदी और शरीफ की पहली औपचारिक शिखर वार्ता में भारत की ओर से आतंकवाद को सबसे ज्यादा तवज्जो दी गई। भारत के लिए आतंकवाद अहम मुद्दा है, तो पाकिस्तान संबंध सुधार के बड़े मुकाम तय करने को उत्सुक है।
इन दो धाराओं के बीच फिलहाल सहमति इतनी ही बन पाई है कि विदेश सचिव संबंध सुधार की दिशा में उठाए जाने वाले कदम तय करेंगे। पाक खेमा जहां अगले चरण में विदेश सचिवों की मुलाकात पर जोर दे रहा है। वहीं, एहतियात बरत रहा भारतीय खेमा इसे विदेश सचिवों के संपर्क के जुमले में बांध रहा है।
मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के लिए आए शरीफ ने रुखसती से पहले मीडिया को दिए बयान में प्रधानमंत्री के साथ अपनी मुलाकात को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इससे आपसी संबंधों में नए युग की शुरुआत संभव है। शरीफ के मुताबिक, मुलाकात के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि हम दोनों ही स्पष्ट बहुमत से आई सरकारों के मुखिया हैं और अपने कार्यकाल की शुरुआत में हैं।
इसने हमें मौका दिया है कि हम अपने लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करें और उनके विकास के लिए काम करें। एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप से संबंध सुधार की कोशिशें कामयाब नहीं होंगी। यह जरूरी है कि हम आपसी अविश्वास का माहौल खत्म करें। जाहिर तौर पर पाकिस्तानी खेमा 26/11 की जांच और हाफिज सईद व दाऊद इब्राहिम जैसे आतंकी सरगनाओं को संरक्षण देने की शिकायतों को संबंध सुधार की कवायद से जोड़ने के हक में नहीं है।
विदेश सचिव सुजाता सिंह के मुताबिक, मोदी ने शरीफ के आगे साफ कर दिया है कि पाकिस्तान को भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं होने देने के वादे को निभाना होगा। इसके साथ ही मोदी ने मुंबई आतंकी हमले की धीमी रफ्तार पर भी भारतीय चिंताएं जाहिर कर दी हैं। नवंबर, 2008 में हुए इस आतंकी हमले के साजिशकर्ताओं को अब तक सजा नहीं मिल पाई है। दोनों नेताओं ने भारत-पाक के कारोबारी रिश्ते सुधारने के व्यापक एजेंडे पर भी बात की। विदेश सचिव के अनुसार इस संबध में दोनों पक्ष आगे बढ़ने पर सहमत हैं। उन्होंने 2012 में तय कार्यक्रम का हवाला देते हुए कहा कि वाघा-अटारी सीमा को व्यापार के लिए पूरी तरह खोलने के फैसले पर अमल होने के बाद आगे के चरण तय होंगे।
पाक प्रधानमंत्री ने भारत को आपसी व्यापार के लिए तरजीही राष्ट्र का दर्जा देने पर भी रजामंदी जताई। पाकिस्तान लौटने से पहले नवाज ने न तो अलगाववादी संगठन हुर्रियत के नेताओं से मुलाकात की और न ही कश्मीर को लेकर कोई बयान दिया।

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