बीजेपी नेता नरेंद्र मोदी जब भारत के अगले प्रधानमंत्री बनने की राह पर बढ़ रहे थे, उसी वक्त पड़ोसी मुल्क पाक में भी हलचल बढ़ गई. पाकिस्तानी रक्षा मंत्रालय ने सरकार ने मांग की कि उसका बजट बढ़ाया जाए. वहीं, पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ ने सुरक्षा अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की है. पाकिस्तानी सैन्य बलों के लिए बजट में इजाफे की मांग की गई है जिससे नए हथियार खरीदे जा सकें. बजट में बढ़ोतरी की मांग जून महीने में आने वाले नए बजट से पहले के लिए की गई है.
पाकिस्तानी रक्षा मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव एयर वायस मार्शल अरशद कुदूस ने कहा कि नए हथियारों की खरीद के लिए अधिक पैसे की जरूरत है. उन्होंने कहा कि रक्षा बजट का करीब 43 फीसदी हिस्सा कर्मचारियों से जुड़े खर्च का होता है, जबकि 26 फीसदी ऑपरेशंस पर और 10 फीसदी असैन्य कार्यों के लिए होता है. बाकी 21 फीसदी उपकरणों की सर्विसिंग और रखरखाव पर खर्च होता है.
पाकिस्तानी रक्षा मंत्रालय की तरफ से बजट बढ़ाए जाने की मांग की 'टाइमिंग' दिलचस्प है क्योंकि चिर प्रतिद्वंदी भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते हाल में कभी खट्टे तो कभी मीठे दिखे हैं.
गौरतलब है कि पिछले दिनों पाकिस्तान के गृह मंत्री चौधरी निसार खान ने कहा था कि अगर नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बनते हैं तो इससे क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा पैदा हो जाएगा.निसार अली खान ने अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम पर मोदी की टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना करते हुए उनके बयान को 'गैरजिम्मेदाराना' और 'शर्मनाक' करार दिया था.
हालांकि, लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी को भारी बहुमत मिलते ही पड़ोसी मुल्क के पीएम नवाज शरीफ ने मोदी को बधाई दी और टेलीफोन पर बात भी की. वहीं, भारत में बनने वाली नई सरकार की अहम सहयोगी शिव सेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान भारत में आतंकवादी भेजता है, इसलिए उससे रिश्ते खत्म कर देने चाहिए.
पाकिस्तानी रक्षा मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव एयर वायस मार्शल अरशद कुदूस ने कहा कि नए हथियारों की खरीद के लिए अधिक पैसे की जरूरत है. उन्होंने कहा कि रक्षा बजट का करीब 43 फीसदी हिस्सा कर्मचारियों से जुड़े खर्च का होता है, जबकि 26 फीसदी ऑपरेशंस पर और 10 फीसदी असैन्य कार्यों के लिए होता है. बाकी 21 फीसदी उपकरणों की सर्विसिंग और रखरखाव पर खर्च होता है.
पाकिस्तानी रक्षा मंत्रालय की तरफ से बजट बढ़ाए जाने की मांग की 'टाइमिंग' दिलचस्प है क्योंकि चिर प्रतिद्वंदी भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते हाल में कभी खट्टे तो कभी मीठे दिखे हैं.
गौरतलब है कि पिछले दिनों पाकिस्तान के गृह मंत्री चौधरी निसार खान ने कहा था कि अगर नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बनते हैं तो इससे क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा पैदा हो जाएगा.निसार अली खान ने अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम पर मोदी की टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना करते हुए उनके बयान को 'गैरजिम्मेदाराना' और 'शर्मनाक' करार दिया था.
हालांकि, लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी को भारी बहुमत मिलते ही पड़ोसी मुल्क के पीएम नवाज शरीफ ने मोदी को बधाई दी और टेलीफोन पर बात भी की. वहीं, भारत में बनने वाली नई सरकार की अहम सहयोगी शिव सेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान भारत में आतंकवादी भेजता है, इसलिए उससे रिश्ते खत्म कर देने चाहिए.
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