Tuesday, 6 May 2014

पॉर्न साइट्स पर बैन से नुकसान होगाः सरकार

केंद्र सरकार देश में पॉर्न वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं है। केंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि पॉर्न कॉन्टेंट वाली सभी वेबसाइट्स को ब्लॉक करना मुमकिन नहीं है। सरकार का यह भी कहना है कि पाबंदी से ज्यादा नुकसान हो सकता है, क्योंकि ऐसे शब्दों वाली साहित्यिक सामग्री भी फिर लोगों के लिए इंटरनेट पर उपलब्ध नहीं हो सकेगी।

जस्टिस बी. एस. चौहान की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने अडिशनल सॉलिसिटर जनरल के. वी. विश्वनाथन ने कहा कि इस तरह की वेबसाइट्स को ब्लॉक करने से अधिक नुकसान होगा। इससे सब कुछ ब्लॉक हो जाएगा और यहां तक की अच्छे लिटरेचर पर भी रोक लग जाएगी। कहा गया है कि इससे अधिक नुकसान होगा।

उन्होंने कहा कि ऐसी वेबसाइट्स को ब्लॉक करने के लिए हरेक कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर लगाना पड़ेगा और सभी कंप्यूटर निर्माताओं के लिए ऐसा सॉफ्टवेयर लगाने के लिए निर्देश देना पड़ेगा।



सुप्रीम कोर्ट इस बारे में इंदौर निवासी वकील कमलेश वासवानी की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इस याचिका में कहा गया है कि हालांकि पॉर्न विडियो देखना अपराध नहीं है, लेकिन ऐसी साइट्स पर पाबंदी लगाई जानी चाहिए, क्योंकि महिलाओं के प्रति अपराध की यह बड़ी वजह है।

वकील विजय पंजवानी के जरिए दायर याचिका में कहा गया है कि इंटरनेट कानूनों के अभाव में लोग पॉर्न विडियो देखने के लिए प्रेरित होते हैं। याचिका के अनुसार इस समय बाजार में ऐसी 20 करोड़ से भी अधिक विडियो और क्लीपिंग आसानी से उपलब्ध हैं।

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