Tuesday, 15 July 2014

गंगा मैली करने वाली 48 औद्योगिक इकाइयां होंगी बंद


सरकार की पहल पर एनजीआरबीए ने दिए निर्देश 
सरकार की पहल पर एनजीआरबीए ने दिए निर्देश 

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने गंगा को प्रदूषण मुक्त करने की दिशा में पहल शुरू कर दी है। जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनरुद्धार मंत्री उमा भारती ने कहा कि प्रदूषण फैलाने वाली करीब 48 इकाइयों को बंद करने का आदेश दिया गया है। राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण (एनजीआरबीए) के तहत इन इकाइयों का निरीक्षण किया गया। 165 उद्योगों को निर्देश जारी किए गए हैं, जिनमे से 48 को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं।
मंत्री उमा भारती ने आज राज्यसभा को बताया कि गंगा नदी के पुनरुद्धार के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस सिलसिले में पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, जल संसाधन मंत्रालय, नदी विकास और गंगा पुनरुद्धार मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय, पोत परिवहन मंत्रालय और ग्रामीण मंत्रालय, गंगा की सफाई से जुड़े शिक्षा विदों, तकनीकी विशेषज्ञों तथा गैर सरकारी संगठनों के साथ विचारविमर्श किया जा रहा है। उन्होंने नरेश अग्रवाल के प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि गंगा संबंधी कार्य योजना के परिणाम के आधार पर सरकार देश की अन्य नदियों के लिए चरणबद्ध रूप में कार्य योजना का विस्तार कर सकती है।

गंगा नदी के ही बारे में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनरुद्धार राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने बताया कि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने 764 ऐसी औद्योगिक इकाइयों की पहचान की है, जो 50.1 करोड़ लीटर प्रदूषित जल हर दिन गंगा और उसकी सहायक नदियों में छोड़ रही हैं।

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