नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले सप्ताह ब्राजील में पांच राष्ट्रों के समूह ब्रिक्स के दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस दौरान विकास बैंक को स्थापित करने को ठोस रूप देने और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की वकालत किए जाने की संभावना है।
प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी की बहुपक्षीय बैठक में यह पहली भागीदारी होगी। यह बैठक उन्हें चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन समेत विश्व नेताओं से मिलने का अवसर देगी। इसके अतिरिक्त वह दक्षिण अमेरिका के नेताओं से भी मिलेंगे।
शिखर सम्मेलन की मेजबान और ब्राजील की राष्ट्रपति डिल्मा रोसेफ ने अर्जेंटीना, बोलिविया, इक्वाडोर, पैराग्वे, उरग्वे, वेनेजुएला और सूरीनाम समेत दक्षिण अमेरिकी नेताओं को आमंत्रित किया है। ऐसा दक्षिण अफ्रीका के पदचिह्नों पर चलते हुए किया गया है जिसने डरबन में पिछले साल आयोजित शिखर सम्मेलन में अफ्रीकी देशों को आमंत्रित किया था।
ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) के छठे शिखर सम्मेलन से पहले संवाददाताओं से बातचीत में विदेश मंत्रालय में सचिव (आर्थिक संबंध) सुजाता मेहता ने कहा कि बैंक को स्थापित करने से संबंधित सारे मामले पर अब भी बातचीत चल रही है और ब्राजील के पूर्वी तटीय शहर फोर्टालेजा में 15 जुलाई को इस संबंध में फैसला किया जा सकता है। शिखर सम्मेलन के नतीजों को शामिल करते हुए फोर्टालेजा घोषणा पत्र जारी किया जा सकता है।
16 जुलाई को ब्रिक्स देशों के नेता राजधानी ब्राजीलिया में मिलेंगे जहां दक्षिण अमेरिकी सरकारों के प्रमुख और राष्ट्र प्रमुख चर्चा में शामिल होंगे। डरबन शिखर सम्मेलन में पांच देशों और अन्य उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं और विकासशील देशों में आधारभूत संरचना और सतत विकास परियोजनाओं के लिए संसाधन जुटाने के लिए ब्रिक्स बैंक स्थापित करने का फैसला किया गया था। उस शिखर सम्मेलन में 100 अरब डॉलर के आपात आरक्षित कोष के बारे में फैसला किया गया था।
मेहता ने सवालों के जवाब में कहा कि ब्रिक्स बैंक के उद्देश्यों में से एक उद्देश्य सदस्य देशों और कुछ विकासशील देशों को निर्यात साख गारंटी प्रदान करना होगा। ब्रिक्स बैंक ब्रेटनवुड्स संस्थानों के ढांचे से इतर स्थापित किया जाएगा।
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