वाहन प्रदूषण पर नियंत्रण रोकने के लिए सार्वजनिक परिवहन के अलावा निजी वाहनों को भी इलेक्ट्रिक कार में बदलने की कवायद शुरू कर दी है।
केंद्र सरकार की भारी उद्योग विभाग ने नेशनल मिशन ऑन इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (एनएमईएम) के तहत इसे लेकर बीते दिनों राज्य सरकारों के नोडल अधिकारियों के साथ बैठक हुई।
बैठक में एक ऐसी किट को लेकर चर्चा हुई जिसे पेट्रोल, सीएनजी चालित कार में रेट्रोफिट कराने के बाद वह इलेक्ट्रिक कार में बदल देगी। यह एक अप्रूव्ड किट है, जिसे फिलहाल सिर्फ एक कंपनी बना रही है।
करीब पखवाड़े पूर्व बैठक में मौजूद दिल्ली के नोडल अधिकारी व परिवहन विभाग के स्पेशल कमिश्नर के. एस. गांगर ने बताया कि किट की कीमत एक लाख रुपये से कम आएगी।
किट लगाने के बाद आपकी निजी कार हाइब्रिड कार बन जाएगी। यानि आप उसे इलेक्ट्रिक कार की तरह प्रयोग कर सकते है। अगर चार्जिंग खत्म हो गई तो उसे आप दोबारा से पेट्रोल, डीजल या सीएनजी पर चला सकते है। इस किट से चलने वाली कार स्पीड 50 से 62 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से चलेगी।
केंद्र सरकार का भारी उद्योग विभाग ने पायलट प्रोजेक्ट पर इसपर सब्सिडी देने की भी बात कही है। बैठक में भारी उद्योग विभाग ने कहा कि इसे शुरू करने पर अभी दो से तीन महीने का समय लग सकता है।
बैठक में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश समेत दस राज्यों के नोडल अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में इलेक्ट्रिक सार्वजनिक वाहन टैक्सी, ई-बाइक के अलावा हाइब्रिड इलेक्ट्रिक किट्स की चर्चा हुई।
इसमें बताया गया कि एक कंपनी ने ऐसा किट बनायी है, जिसे कार में रेट्रोफिट कराने पर उस कार को इलेक्ट्रिक कार में बदला जा सकता है। भारी उद्योग विभाग ने बताया कि फिलहाल यह किट बनाने वाली सिर्फ एक कंपनी है।
लेकिन किट को सक्षम प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत भी मिली हुई है। जिसपर राज्यों को नोडल अधिकारियों ने इसे अपने यहां शुरू करने की स्वीकृत दी है।
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