Thursday, 17 July 2014

Modi effect :महीने भर में ही नजर आया मोदी इफेक्ट, बदली सूरत


एनडीए सरकार का पहला महीना इकॉनमी के लिए अच्छा रहा है। इस दौरान मैक्रो-इकनॉमिक डेटा बढ़िया रहे हैं और महंगाई भी कम हुई है। इससे लग रहा है कि इकॉनमी बॉटम आउट हो चुकी है यानी सबसे निचले लेवल से वापसी कर रही है। हालांकि मॉनसून सीजन में कम बारिश का इकॉनमी पर नेगेटिव असर हो सकता है। 

जून में साल भर पहले के इसी महीने की तुलना में एक्सपोर्ट 10.2 पर्सेंट बढ़ा। इससे पहले इंडस्ट्रियल प्रॉडक्शन और महंगाई दर के मोर्चे पर अच्छी खबरें आई थीं। ये डेटा इकनॉमिक रिकवरी का शुरुआती संकेत हो सकते हैं। पिछले 2 फाइनैंशल ईयर से देश की इकनॉमिक ग्रोथ 5 पर्सेंट से कम बनी हुई है। 

जून में ट्रेड डेफिसिट यानी व्यापार घाटा 11.78 अरब डॉलर रहा। यह साल भर में सबसे ज्यादा लेकिन मई के 11.28 अरब डॉलर के मुकाबले कुछ ही अधिक है। ये डेटा कॉमर्स डिपार्टमेंट ने बुधवार को जारी किए। साल भर में पहली बार इंपोर्ट बढ़ा है। इसमें 7 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई है। इससे भी डोमेस्टिक इकनॉमिक रिकवरी का संकेत मिलता है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के इंपोर्ट में ढील देने के बाद जून में गोल्ड का आयात 65 पर्सेंट बढ़ा है। इसे छोड़ दें तो भी इंपोर्ट में बढ़ोतरी इकॉनमी में मजबूती का इशारा कर रही है। जून में एक्सपोर्ट लगातार तीसरे महीने बढ़ा है। इसमें इंजीनियरिंग, लेदर, टेक्सटाइल्स और पेट्रोलियम सेक्टर का अहम रोल रहा। 

एक्सपोर्ट पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चीफ इकनॉमिक एडवाइजर सौम्या कांति घोष ने कहा, 'एक्सपोर्ट डेटा हौसला बढ़ाने वाला है। खासतौर पर इंजीनियरिंग गुड्स के निर्यात में बढ़ोतरी। इससे प्रॉडक्टिविटी बढ़ने का संकेत मिलता है। ऑयल और गोल्ड को हटाने के बाद भी दूसरे प्रॉडक्ट्स का इंपोर्ट बढ़ा है। जून में इंडस्ट्रियल प्रॉडक्शन में भी शानदार बढ़ोतरी हुई थी।' अगर कार सेल्स, मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट डेटा देखें तो लगता है कि इकॉनमी पहले ही बॉटम आउट हो चुकी है। 

एक्सपोर्ट बढ़ने से इंडस्ट्रियल प्रॉडक्शन बढ़ेगा। मई में यह 4.7 पर्सेंट बढ़ा था, जो पिछले 19 महीने में सबसे अधिक है। जून में जूलरी एक्सपोर्ट में 5 पर्सेंट की गिरावट आई। हालांकि, गोल्ड इंपोर्ट बढ़ने से आने वाले महीनों में जूलरी एक्सपोर्ट बढ़ सकता है। जून में रिटेल और होलसेल इनफ्लेशन में भी कमी आई। वहीं कार सेल्स बढ़कर 10 महीने में सबसे ज्यादा हो गई। इसका मतलब यह है कि फाइनैंशल ईयर 2014-15 के पहले क्वॉर्टर में जीडीपी ग्रोथ 5 पर्सेंट रह सकती है, जो मार्च क्वॉर्टर में 4.6 पर्सेंट रही थी। 

जून में इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट 21.5 पर्सेंट बढ़कर 54 अरब डॉलर का रहा। वहीं रेडीमेड गारमेंट एक्सपोर्ट 14.3 पर्सेंट और लेदर एक्सपोर्ट 38.37 पर्सेंट बढ़ा। इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (ईईपीसी) के चेयरमैन अनुपम शाह ने बताया कि हमें अमेरिका से काफी ऑर्डर्स मिल रहे हैं। मांग इतनी ज्यादा है कि डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर उसे पूरा करने के लिए कम पड़ रहा है। इसका मतलब यह है कि आने वाले महीनों में भी एक्सपोर्ट ग्रोथ अच्छी रह सकती है। 

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